ॐ ऐं भ्रीम हनुमते | Hanuman Beej Mantra in Hindi 2024 Free Download

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हनुमान भक्तो का इस पोस्ट में स्वगत हैं, हिन्दू धर्म में मनुष्य के सभी सकंट को हरने वाले भगवान श्री हनुमान जी हैं. हनुमान जी अपरम पार शक्ति की महिमा देश और विदेश में भी चर्चा हैं. वैसे देखा जाए तो हनुमान जी का नाम लेते ही सभी सकटों से छुटकारा मिल जाता हैं, परंतु अगर सकटों की सीमा ज्यादा हो तो इसके लिए हनुमान चालीसा का पाठकरना काफी अति उतम माना जाता हैं, सनातन धर्म हनुमान जी को विभिन्न नामों से जाना जाता हैं जैसे – पवनपुत्र, अजनिपुत्र, मारुति, रामभक्त , सकटंमोचन, आदि नामों से जाना जाता हैं,

प्राचीन इतिहास में राम भक्त हनुमान जी को वानर भगवान भी कहा जाता हैं। श्री हनुमान जी पवन देवता के पुत्र भी हैं और माता अजनीं के लाल भी हैं। इतिहास में इनके कई कार्य प्रसिद्ध हैं। सभी कार्य में से सबसे प्रसिद्ध रावण के साथ हुई बातचीत और लंका दहन हैं। और शनि देव को रावण के प्रकोप से मुक्त करना भी काफी प्रचलित हैं।

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हनुमान जी और शनि देव के बीच की प्रसिद्ध कहानी

जब रावण ने शनिदेव को पिंजरे में कर करके रखा था। इस समय भगवान हनुमान जी लंका में सीता माता से मिलने के लिए पहुंचे हुए थे। तभी हनुमान जी ने देखा कि शनिदेव को काले कपड़े से ढक कर एक पिंजरे में कैद करके रखा गया है और शनिदेव पिंजरे में रो रहे थे। शनि देव जी के बारे में ऐसी मान्यता थी कि शनि देव की आंखों में सीधा देखने से शनि की साढेसाती आती है।

इसलिए पिंजरे को काले कपड़ों से ढक कर रखा गया था। लेकिन राम भक्त हनुमान जी ने इन सब मान्यताओं को भुलाकर भगवान शनि देव को बचाने का फैसला लिया। जब भगवान हनुमान जी ने शनि देव को बचाने के लिए पिंजरा को खोला तो शनि देव की दृष्टि सीधे उन पर पड़ी। हनुमान जी के द्वारा बचाये जाने से शनि देव हनुमान जी के सदा आभारी रहे। लेकिन शनि देव दृष्टि हनुमान जी पर सीधी पढ़ने की वजह से उन पर साडेसाती पड़ गई। और शनि देव उनके सिर पर विराजमान हो गए।

लेकिन हनूमान जी हमेशा अपने शत्रुओं से युध्द करते रहे, और अपने सिर की मदद से शत्रुओं को कुचल दिया करते थे। और बड़े बड़े पत्थर भी सिर से उठाया करते थे। सिर के माध्यम से किये गए कार्य से तंग आ कर शनि देव जी को हनुमान जी का सिर छोडना पड़ा। और इस तरह शनि देव जी की हनुमान जी पर से साढे साती खत्म हो गई। इन्ही सब की वजह से शाना देव ने हनुमान जी को आशीर्वाद दिया कि वे और उनके साधको को कभी भी शनि दोष के परेशान या कष्ट नहीं देंगे।

इसी सब कारणों की वजह से शनि के हानिकारक प्रभाव को दूर करने के लिए हनुमान जी की पुजा पुरी विधि पूर्वक की जाती हैं। हनुमान जी को खुश करने का एक माध्यम हनुमान बीज मत्रं ही हैं,

ॐ ऐं भ्रीम हनुमते | Hanuman Beej Mantra in Hindi 2024 Free Download
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हनुमान बीज मत्रं साधक को कैसे मदद देता हैं?

सभी पुरुष स्त्री के हनुमान जी पुजा करने के, हनुमान बजरंग बाण, हनुमान आरती, सुनदरकाडं हैं, लेकिन इसके बावजूद जब मनुष्य शारिरीक व मानसिक रुप से बीमार रहता हैं तो वह डाक्टर या वैघ के पास जाता हैं और ठीक हो जाता हैं, परंतु जब भूत प्रेत, नजर या किसी आत्मा के जाल में फसं जाता हैं तो वह डाक्टर के पास जाने से भी नहीं ठीक हो पाता हैं, और परिवार के सभी लोग इस सकटं से काफी परेशान भी हो जाते हैं , ऐसे में मरीज शारीरिक और मानसिक रुप से काफी ज्यादा बीमार हो जाता हैं,

इन सब सकटों से निकलने के लिए मरीज को हनुमान जी की पुजा नियमित रुप से करनी चाहिए। और पुजा के साथ साथ हनुमान बीज मंत्र का उच्चारण करना चाहिए, इसके उचारण से साधक के ऊपर से शनि की साढे साती और हानिकारक दोष से मुक्ति मिलता हैं। तो आइए हम आप को इस पोस्ट में ‘हनुमान बीज’ मंत्र, और इसका पाठ किसी विधि से करना चाहिए, और इसके क्या क्या लाभ हैं सभी कुछ जानेगें

हनुमान बीज मंत्र | Hanuman Beej Mantra in Hindi

वैदिक काल में बहुत सारे मंत्र हैं और इन्ही सब मत्रों मे से एक हनुमान बीज मंत्र भी हैं। देखा जाए तो सनातन धर्म में सभी देवी देवताओ के लिए एक बीज मंत्र अवश्य होता हैं। जो कि केवल एक शब्द तक ही सीमित होता हैं। जैसे कि “ओम” एक तरह से बीज मंत्र हैं।

इस एक शब्द के बीज मंत्र में काफी शक्तियां मौजूद हैं और अन्य मत्रों के साथ इसी जोडा जाता हैं ताकि इससे जुडी शक्तियां सभी मत्रों में आ जाए। यदि साधक पुरी श्रद्धा के साथ बीज मंत्र का उच्चारण करे तो उसकी सभी समस्या का समाधान बहुत अति शीध्र हो जाता हैं। हनुमान बीज मंत्र का उच्चारण हनुमान जी का साक्षात आशीर्वाद प्राप्त करने का माध्यम हैं।

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Hanuman Beej Mantra Hindi Lyrics

ॐ ऐं भ्रीम हनुमते | Hanuman Beej Mantra in Hindi 2024 Free Download
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“|| ॐ ऐं भ्रीम हनुमते,
    श्री राम दूताय नमः ||

हनुमान बीज मंत्र का जाप करने की शुद्ध नियम

जो मनुष्य हनुमान बीज मंत्र का पाठ करने चाहता हैं तो उसे शुद्ध नियमों को ध्यान में रखना अति आवश्यक हैं.

1. इस मत्रं का पाठ किसी पंडित जी या गुरू के मार्ग दर्शन में ही करनी चाहिए ।

2. हनुमान बीज मत्रं का पाठ विपरीत सकटं काल में करनी चाहिए ।

3. जो भी पुरुष या स्त्री इस मत्रं का पाठ करे उसे इसका असर तुरंत मिलता हैं इसलिए हमेशा इस हनुमान बीज मत्रं का पाठ को सोच समझ कर करना चाहिए।

4. मंत्र को जाचँने के मक़सद से नहीं करना चाहिए।

5. सच्चे साधक को इस मत्रं का पाठ करने से पहले हनुमान जी के सभी नियमों का पालन करना आवश्यक हैं।

6. अगर साधक सात्विक नहीं हैं तो उसे इस मंत्र का पाठ नहीं करना चाहिए।

7. ध्यान रहे साधक को किसी गलत भावना से हनुमान बीज का जाप नहीं करना चाहिए नहीं तो समस्या पैदा हो जाएगा।

8. इसका मत्रं का उचारण गलत नहीं होना चाहिए, एक दम सही सही उचारण होना चाहिए।

9. पूजा पाठ करने में किसी भी प्रकार की गलती से बचना बहुत जरुरी हैं।

10. बीज मंत्र का जाप सही जानकारी के साथ करना आवश्यक हैं।

11. साधक को इस मत्रं जाप हनुमान जी के मंदिर में जाकर उनके सामने बैठकर पुरा विधिवत करना चाहिए।

12. अगर साधक मंदिर जाने में असर्मथ हैं तो घर पर ही हनुमान जी की मूर्ति के सामने बैठकर पहले बजरंग बाण, चालीसा, और आरती का पाठ करने के बाद हनुमान बीज मत्रं का जाप ध्यान लगाकर करना चाहिए।

13. इस मंत्र को 108 बार एक माला में प्रतिदिन सिद्ध करके करना चाहिए।

14. हनुमान बीज मत्रं का जाप साधक को 21 दिन या 41 दिन लगातार प्रतिदिन करना चाहिए, तभी इस मत्रं की सिद्धी प्राप्त होगी और इसका लाभ मिलेगा।

15. इस मत्रं की साधना काल में भक्त का ध्यान एकाग्र होना बहुत जरुरी हैं।

16. जाप करने से पहले हनुमान जी के सामने शुद्ध घी के दिए जलाने चाहिए।

17. साथ ही हो सके तो सुगंधित धूप भी जला दिए जाए तो अच्छा रहेगा।

18. भक्त को बताए गए सभी नियमों का पालन करना आवश्यक हैं।

हनुमान बीज मंत्र के लाभ

1. हनुमान जी के इस बीज मंत्र का जाप करने से हनुमान जी को खुश करने में काफी मदद और प्रभावशाली माना चाहता है।

2. हनुमान बीज मंत्र शनि देव जी के साडेसाती दोष से लड़ने में काफी मदद साबित होता है।

3. हनुमान जी का यह बीज मंत्र शारीरिक बल क्षमता और सहनशक्ति को प्राप्त करने में काफी मदद प्राप्त होता है।

4. हिंदू धर्म में हनुमान बीज मंत्र के बारे में माना जाता है कि यह भूत और प्रेत आत्माओं को दूर करने और बुखार, मिर्गी जैसे गंभीर बीमारियों को दूर करने में भी काफी मदद साबित होता है।

5. जो भी भक्त हनुमान बीज मंत्र का जाप करता है उससे हनुमान जी काफी प्रसन्न होते हैं और उस भक्त को साहस और आत्मविश्वास के गुण प्रदान करते हैं।

6. इस मंत्र का उच्चारण करने से हनुमान जी के भक्त को ऊर्जावान जीवन जीने में मदद प्राप्त होता है।

1. हनुमान बीज मंत्र का जाप किस समय करना चाहिए ?

Answer-: सूर्योदय के समय

2. हनुमान बीज मंत्र को कितनी बार जाप करना चाहिए ?

Answer -: 108

3. हनुमान बीज मंत्र का पाठ कौन कौन करता हैं ?

Answer -: सच्चा भक्त या कोई भी जो दिल से हनुमान जी को याद करे

4. हनुमान बीज मंत्र का जाप किस दिशा की ओर बैठकर करना चाहिए

Answer -: पूरब दिशा की ओर बैठकर

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